Inflation Bites: प्याज (Onion) और टमाटर (Tomato) समेत खाने के तेल की कीमतों ( Edible Oil Prices) में उछाल ने उपभोक्ताओं के बजट को बिगाड़ कर रख दिया है. ये महंगाई तब आई है जब त्योहारी सीजन (Festive Season) आ चुका है. अक्टूबर के आखिर में धनतरेस (Dhanteras 2024) दिवाली (Diwali 2024) और नवंबर महीने के पहले हफ्ते में छठ पर्व (Chhath Festival) है. ऐसे में खाद्य वस्तुओं की महंगाई ने लोगों को अपने दूसरे खर्चों में कटौती करने को मजबूर कर दिया है. इस त्योहारी सीजन में कमरतोड़ महंगाई के चलते भारतीय उपभोक्ता इलेक्टॉनिक्स आईटम्स जैसी महंगी खरीदारों को कम रहे हैं या फिर उसे टाल रहे हैं.
महंगाई ने किया फेस्टिव सीजन का मजा फीका
अक्टूबर महीने से नवरात्रि के साथ त्योहारी सीजन की शुरुआत हो चुकी है जो नवंबर महीने के मध्य तक जारी रहेगी. फेस्टिव सीजन की शुरुआत बेहद फीकी रही है. रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक इस फेस्टिव सीजन में इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लायंसेस के सेल्स की रफ्तार धीमी रही है. विजय सेल्स के डायरेक्ट निलेश गुप्ता के मुताबिक इस वर्ष अक्टूबर में इलेक्ट्रॉनिक्स और होम अप्लायंसेस के सेल्स में बीते साल के मुकाबले केवल 5.7 फीसदी की बढ़ोतरी आई है. जबकि 8-10 फीसदी सेल्स में बढ़ोतरी का अनुमान था. हालांकि उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि सेल्स आने वाले दिनों में रफ्तार पकड़ सकती है.
अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेत!
ग्रामीण इलाकों में डिमांड और खपत में उछाल की बदौलत भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025-25 के लिए आर्थिक विकास दर के 7.2 फीसदी के दर से बढ़ने का अनुमान जताया है. लेकिन ऑटो सेल्स और मैन्युफैक्चरिंग, पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जैसे हाई इंडीकेटर्स और जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े अर्थव्यवस्ता में कमजोरी के संकेत दे रहे. उसपर से आसमान छूती महंगाई कोढ़ में खाज का काम कर रही है. खाद्य वस्तुओं और खासतौर से सब्जियों की कीमतों में उछाल के चलते सितंबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.49 फीसदी पर जा पहुंची है को खाद्य महंगाई दर 9.24 फीसदी रही है. साग-सब्जियों की महंगाई दर 36 फीसदी रही है. सीएआईटी के नेशनल प्रेसीडेंट बी सी भारतिया ने कहा कि प्याज और दूसरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल का लोगों की खरीदारी पर असर पड़ा है. ट्रेंडर्स की संस्था सीएआईटी ने इस वर्ष त्योहारी सीजन में 4.25 लाख करोड़ रुपये के सेल्स का अनुमान जताया है जो पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी ज्यादा है.
ऑनलाइन सेल्स में छाई सुस्ती!
ऑनलाइन सेल्स की रफ्तार भी धीमी है जिसकी फेस्टिव सीजन के दौरान कुल सेल्स में 15 फीसदी हिस्सेदारी है. क्रिसिल मार्केट इंटेलीजेंस एंड एनलटिक्स ते डायरेक्ट रिसर्च पुषाण शर्मा ने कहा, एंट्री लेवल के मोबाइल फोन की सेल्स में कमजोरी नजर आ रही है. हालांकि प्रीमियम मॉडल्स की सेल्स बेहतर है. कंसलटेंसी फर्म रेडसीयर (Redseer) ने मौजूदा फेस्टिव सीजन में 1 से 1.2 ट्रिलियन डॉलर के सेल्स का अनुमान जताया है जो पिछले साल से 13 फीसदी ज्यादा है. हालांकि कस्टमर्स को लुभाने के लिए रिलायंस रिटेल (Reliance Retail, अमेजन (Amazon), और फ्लिपकार्ट (Flipkart) जैसे ई-कॉमर्स कंपनियां भारी डिस्काउंट ऑफर कर रही हैं. रिलायंस रिटेल के सीनियर एग्जीक्यूटिव दिनेश तलुजा ने एनालिस्ट्स को बताया कि जुलाई से सितंबर के दौरान फैशन कैटगरी में कमजोर सेल्स देखने को मिली थी लेकिन अब तेजी आ रही है.
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